माई '"तू मुनी का ब्याह ना कर अभी तो वो कितनी छोटी सी है ,हम कछू ना कर सकत है झुनी थाहरे बापू सुनते कहा हैं । मेरी अकल ना रही अब की में थाहरे बापू को समझा सकू । कै बाते चल रही है माँ, छोरी मे बा -----------......... बापू ,बापू हा बोल ना कै बोल रही है,,,,,,,,,,,,,,,बापू तू मुनी का ब्याह ना कर अभी वो कितनी छोटी है ,उसे तो कछू करना भी नही आता ।।।।।।।।।।।।।।देख ब्याह तो होगा चाहे कछू हो जावे और दस साल की हो गई है मुनी। तेरा भी तो हुआ था भूल गई कै,,,,,,,,,,,,,,नही बापू कैसे भूल सकत है हम ऊ दिन को दस साल मै ब्याह और चौदह साल मे विधवा ।.......... का मिला हमको यही तो है ।अब तो हमार कछू न होवेगा ।पर बापू हम मुनी के साथ गलत ना होने देगे। .....समझा ले मुनी की अंम्मा इसको ,जबान बड़ी हो गई है छोरी की कट जावेगी। आज कल तो कौनौ ना करत है इतनी छोटी उम्र मे ब्याह ,ऊ उउऊ लाल बत्ती पे आते है और सख्ती से मना कर देते है की ब्याह नही होगा ।झुनी को ये बात दिमाग में आते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई । ब्याह की तयारी शुरु हो गई ,झुनी बस राह देख रही हैं ...