आइये कभी

चाय हो जाय एक साथ,
दो गज की दूरी पर बैठकर,
समझा जाए कि,
       गुनगुना पानी पीकर
       शरीर मे ठंडक है या नही?
समझा जाए कि,
      चेहरा छिपाकर रखने से,
      आत्मीयता कम तो नही?
समझा जाए कि,
      जिंदगी के लिए,
      कड़वा काढ़ा पी सकते है,
      लेकिन क्या संबंध निभाने में,
      कड़वी बाते बर्दास्त है कि नही?
समझा जाए कि,
     सामाजिक दूरी से,
     संबंध वही है या बदल गए?
     यदि वही है तो,
     हकीकत में अपनापन गायब क्यो?
आइये कभी चाय हो जाय...............

Comments

Popular posts from this blog

अग्निवीर बन बैठे अपने ही पथ के अंगारे

अग्निवीर

अग्निवीर ( सैनिक वही जो माने देश सर्वोपरि) भाग- ४