जीवन एक संघर्ष



संघर्ष स्वभाव है जीव का
संघर्ष से ही जीवन है
हार गया जो संघर्ष से
वह जीवन भी क्या जीवन है।।

नौ मास मां के गर्भ में उल्टा लटका
किया जीवन पाने की जिद में संघर्ष
दुनिया से हो रूबरू 
घूटनों के बल जीवन रेंगने लगा
बार बार गिरकर संभला
किया कदम उठाने की जिद में संघर्ष।।

संघर्ष स्वभाव है जीव का
संघर्ष से ही जीवन है
हार गया जो संघर्ष से
वह जीवन भी क्या जीवन है।।

कदम उठा  जीवन चलने लगा
किया दौड़ने की जिद में संघर्ष
हंसते खेलते गिरते संभलते जीवन सरपट दौड़ने लगा
ले किताब पाठशाला में जाने लगा
किया पढ़कर सुनकर नया सिखने की जिद में संघर्ष।।

संघर्ष स्वभाव है जीव का
संघर्ष से ही जीवन है
हार गया जो संघर्ष से
वह जीवन भी क्या जीवन है।।

पौथी पढ़ पंडित हुआ
किया नौकरी पाने की जिद में संघर्ष
नौकरी मिली हूर परी मिली मुस्कुराया जीवन
ना मिली तो दर दर की ठोकरें खाने लगा
किया खुद की पहचान बनाने की जिद में संघर्ष।।

संघर्ष स्वभाव है जीव का
संघर्ष से ही जीवन है
हार गया जो संघर्ष से
वह जीवन भी क्या जीवन है।।

पहचान मिली नये रिश्ते बने
किया अपनों का प्यार पाने की जिद में संघर्ष
रूठने मनाने में ही बीत गया जीवन
किया खुद मिटकर भविष्य सजाने की जिद में संघर्ष।।

संघर्ष स्वभाव है जीव का
संघर्ष सेही जीवन है
हार गया जो संघर्ष से
वह जीवन भी क्या जीवन है।।

संघर्ष करते करते जीवन जीवन से अलविदा कह चला
मर गया मिट गया निशां दिलों पर छोड़ चला
कह चला,आज भी जीवन की यही पहेली है
जवान हसीन जिंदगी बड़ी ही रंगीली है
आखिरी सच तो यही है
मौत दिलरूबा है जीवन की मौत ही सहेली है।‌

संघर्ष स्वभाव है जीव का
संघर्ष से ही जीवन है
हार गया जो संघर्ष से
वह जीवन भी क्या जीवन है।।
पिंटू कुमावत'श्याम दिवाना'🙏🙏 💐💐

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