हम होंगे कामयाब
फिर से बहार आएगी, अपने भी शहर में।
डरते हुए सब लोग फिर न होंगे जी घर में।।
कोरोना को हरा के होंगे कामयाब हम।
मत सोचिए कब तक रहेंगे और कहर में।।
आई है बैक्सीन इसे आप लगाओ।
मानव के लिए, बन रही अमृत ये जहर में।।
हिम्मत हमारी कामयाब हमको करेगी।
बस हौसलों का साथ हो, हर एक पहर में।।
फिर से सजेंगी गुमठियां, फिर चाट खाएंगें।
फिर आएगी रौनक सभी दीवार ओ दर में।।
दुनिया में हमारी ही बैक्सीन छा गई।
हम कामयाब हो गए दुनिया की नजर में।।
रखिए बनाए हौसला, हिम्मत न हारिए।
हमको मिलेगी कीर्ती कोरोना समर में।।
स्वरचित ,
कीर्ती चौरसिया
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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