वर्दी की ताकत


क्या कर रही हो माँ, "कूछ नही "
तू सोया नही ,नही नींद नहीं आ रही आज मुझे भी पापा की याद आ रही है, पर तुम रोज रात को पापा के कपड़े,उनकी तस्वीर को ही एक नजर देखती रहती हो ।
अरे पगले मै अपने वीर शहीद पति को रोज मेहसूस करती हू उनसे बाते करती हू ,पता हैं तेरे पापा रोज क्या कहते है।
क्या! !!!!!!!!!!!!!           !!!!     मेरे दीपू का ख्याल रखना और उसको मेरी तरह एक वीर सैनिक बनना।
मै भी हा बोल देती हू।
तू ये वर्दी कहा ले के जा रहा है,,,,रुको माँ मै आता हू।

देखो कैसा लग रहा हू ,,,अरे वाह बस वर्दी ढीली हो है दीपू सर ।
ये कैसा शोर है दीपू , चल बाहर ,माँ ये तो कही आग लगी है ,(दोनो दौड़ के जाते हैं ) पता चला कि भैसो  का छोटा सा खटाल है  वहाँ कीसी कारणवश आग लग गई हैं  ,चारों तरफ हाहाकार मची है सब आग बुझाने में लगे है,दीपू भी आग को बुझाने मे सबकी सहायता करने लगा ,  आग कम होने का नाम नहि ले रही थी ,दीपू बोला ऐसे नही होगा सब अपने अपने घरों से पाईप लाए और बाहर वाले नलो में लगा कर काम आसानी से हो सकता है सबने वैसा ही किया।
दीपू की नजर एक भैस पे जाती हैं जो की अन्दर फसी होती है वो अपने घर से चार पांच कम्बल लाता है और कूद जाता हैं आग मे (,दीपू की माँ जोर से चिल्लाती है!!! दीपू)  दीपू भैस को पकड़कर उसे वो पांचो कम्बल से लपेट देता है और आग की लपटों से बचा कर उसे बाहर निकाल लाता है।लगातार  पानी डालने की वजह से आग भी कम हो गई है।
दीपू की बहादुरी पे सबको नाज हो रहा था,और माँ उसे नम आखों से देख रही थी,,,,,,,,,,,खटाल के मालिक आए
धन्यवाद दीपू बेटा तुमने अपनी सूझ -बुझ से आग को शांत की ,सबकी मदद की और मेरी एक भैस को नई जिन्दगी दी ,तुम्हारा दिल से धन्यवाद बेटा ।पर तुम मे इतना हिम्मत आया कहा से ,( इस वर्दी की वजह से   ) इस वर्दी मे कितनी ताकत होती है ये आज जाना माँ । एक जवान की सबसे बड़ी हिम्मत उसकी वर्दी होती हैं ।

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