एहसास अकेलेपन का


अभय की पत्नी मीरा ने कुछ दिन पहले सारे गमले 🏝छत पर रखवा दिये| फिर नर्सरी से पौधे🌱 मंगवाकर छत पर एक छोटा सा गार्डेन बनवा लिया|और नियमित रूप से उन्हें पानी देती,"और माली को बुलवा कर उसमें खाद वगैरह डलवा देती|"

शुरू शुरू में तो मुझे उसकी बातों पर हसी आती थी, "पर फिर मैंने सोचा कि चलो कहीं न कहीं तो उसका दिल लगा रहता है...एक दिन मैं छत पर गया तो हैरान हो गया... मैंने देखा कि कितने ही पौधों 🌱में फूल निकल आऐं हैं,, और निंबू के पौधे में दो निंबू लगें हुए हैं,, और मिर्चों के पौधे में दो तीन मिर्चें भी लगीं हुई हैं। 

फिर छत पर ही बैठ गया... थोड़ी देर,,मैंने देखा कुछ दिन पहले मीरा ने एक बांस का पौधा🌱 लगाया था,, तो वो उस गमले को खींच कर दूसरे गमले के पास कर रही थी|
.... पर गमला भारी होने के कारण खिसक नहीं रहा था...मैंने उससे कहा कि अरे! रहने दो ये वही पर,, अगर भारी है तो... इस पर वो बोली नहीं! ये बांस का पौधा🌱 सूख रहा है। मै उसकी बात सुनकर हस पडा़,, और मैने कहा कि अगर पौधा🌱 सूख रहा है तो इसे पानी दो, खाद दो... इसे दूसरे गमले🏝 के पास करने से क्या पौधा सही हो जाएगा?

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