अहसास अकेलेपन की भाग २
वो मुस्कुराते हुए बोली...हाँ! अगर पौधे🎋 अकेले हो तो सूख जातें हैं, और अगर इन्हें भी दूसरे पौधे🌿 के पास कर दें, तो ये दूसरे पौधे🎋 का साथ पा कर फिर से हरे हो जातें हैं, और लहलहा उठेगें "क्योंकि ये भी अकेलापन महसूस करते हैं|
मीरा बोल रही थी...और मैं सुन रहा था... कि क्या सच में पौधे🎋 अकेले में सूख जातें हैं? मै वैसे पहली बार ऐसा सुन रहा था|फिर मैं सोच रहा था कि सच में पौधे को पौधे का साथ चाहिए होता है?
मीरा ने गमला खिसका कर दूसरे गमले के साथ कर दिया था,, और वो बहुत खुश हो गई थी|मैं उस गमले को देखते हुए, किसी सोच में डूब गया|
एक एक करके पुरानी तस्वीरें मेरी आँखों के सामने आ रही थी|कि मेरी माँ के जाने के बाद में पिता जी कैसे एक ही रात में बूढ़े हो गये थे| हालांकि माँ के जाने के बाद वो 16 साल तक रहे, लेकिन बिल्कुल सूखे पौधे🎋 की तरह से|माँ के होते, मैंने कभी भी उन्हें उदास नहीं देखा था|वो हमारे साथ हमारी ही तरह रहते थे,, लेकिन मैंने उन्हें रातों को सुबकते हुए कई बार देखा था|
मीरा भी कह रही थी,,"कि पौधे🎋 सारी रात को अकेले सुबकते है|" और तुमने यह तो पढा़ ही होगा, किताबों में कि पौधों🌱 में भी जान होती है, और जब इनमें जान होती है तो ये रोतें भी हैं और हसतें भी हैं|अब देखो ये नींबू🍋 छोटे से गमले🏝 में कैसे फल रहा है,और इसके साथ
तोरई और मिर्ची के पौधे🎋 कैसे फल फूल रहे हैं, ये तोरई के फूल देखो |ये सब साथ का ही असर है।
बांस का पौधा थोड़ा सा अलग दिखता था, तो माली ने उसे अलग रख दिया था, उसे देखते हुए मीरा बोली....ये देखो, माली ने बांस के पौधे🌿 को कैसे अकेला रख दिया है|उसने यह भी नहीं सोचा कि ये पौधा🎋पौधा मुरझा जाएगा"और कैसा डरा हुआ सा है बेचारा|कल देखना इसे, ये कैसा हरा भरा लगेगा, बाकू पौधों के साथ रह कर|मुझे मीरा की बात पर पूरा यकीन हो गया था कि सही में पौधे🌿 अकेले में मुरझाने लगतें हैं।
मुझे याद आ रहा था कि बचपन में मैं एक
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