सुकून की जिन्दगी
जितनी भी दे, सुकून की,
जिंदगी दे, ऐ खुदा!
न करीब दे किसी के ज्यादा,
न दूर की जिंदगी दे,
ऐ खुदा!!
न पतझड़ सा, बना जीवन,
न सावन की कमी दे,
ऐ खुदा!
न गमों के दे बादल, न खुशी के,
आंधी दे,
ऐ खुदा!!
न समंदर की गहराई दे,
न आसमां सा ऊचाई दे,
हो जाऊँ रूबरू खुद से, बस,
इतनी सी जिंदगी दे,
ऐ खुदा!!
जितनी भी दे सुकून की जिंदगी दे,
ऐ खुदा!!
श्वेता कर्ण
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