लफ्ज़ आईना है


तेरे मेरे मन की बात बताते ,
कभी खुशी कभी गम दर्शाते।।
 खुशी से भावविभोर चेहरा,
 लफ्जों में खुशी दर्शाता चेहरा ।।
 लफ्ज़ हैं आईना।।
 दुख में आंखों के आंसू ,
 मन की व्यथा बताते आंसू ।
 लफ्ज़ तुम्हारा भाव दिखाते,
  लफ्ज़ हैं आईना ।।
  गुस्सातिरेक से बात 
  तुम्हारी बदल जाती,
   मनोदशा तुम्हारी दिखलाते ।
   लफ्ज़ हैं आईना ।।
   कितना प्यार तुम्हारे दिल में,
    प्यार को परिभाषित करते ।
    प्यार का अतिरेक है बनते ,
    लफ्ज़ है आईना।।
     लफ्जों की क्या बात करो तुम ,
     लफ्जों से शुरू बात है ।
     लफ्ज़ परवरिश छलकाते ,
     चरित्र का आईना बन जाते ।
     लफ्जों की महिमा भारी 
     इनसे चलती दुनिया सारी ।
     लफ्ज़ है आईना।।
                 दिल की कलम से
                 मधु अरोड़ा
                 

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