थोड़ा सा आसमान
मेरे हिस्से का मुझे दे दो आसमान।
मैं बनाऊँगी एक नया जहाँन।।
सपने सजीले रंग रंगीले ।
ओढ़ूगी एक नया वितान।।
रोक टोक नहीं कोई।
छूलूं अपना आसमान।।
धरती का बिछौना आसमाँ की चादर ।
घर मेरा सारा जहाँ।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉक्टर आशा श्रीवास्तव जबलपुर
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