मेरी बारी



      .....जब मैं दसवीं में पढ़ता था ,तो घर के सभी लोग मेरे पीछे पड़े रहते थे। उनकी कोई गलती नहीं थी ,यह बात मैं आज कह सकता हूं ।आखिर मैं पढ़ाई पर बिल्कुल जो नहीं ध्यान  देता था। मैं मध्यमवर्गीय परिवार से था, चार भाई बहनों में मैं तीसरे नंबर पर था। मेरी तीनों बहनें पढ़ाई में अच्छी थी। मैं एक तो अकेला लड़का..... ऊपर से लड़के लड़की का भेद करने वाला हमारा समाज ........इसलिए मम्मी पापा और तीनों बहनें मुझे पढ़ाई पर एकाग्र चित्त करने के लिए कभी प्यार से समझाते , कभी डांटते और कभी कभी पिटाई भी लगाते थे ।लेकिन मजाल जो कभी कोई हथियार मेरे काम आया हो।  मैं तो बस मस्त मौला अपनी धुन में रहता , कभी छत पर पतंग उड़ाता, कभी दोस्तों के साथ क्रिकेट  खेलता, कभी कैरम खेलता और कभी-कभी मां के साथ रसोई में सब्जी बनाने में मदद करता । सब्जी की रेसिपी जानने और वैसे ही सब्जी बनाने में मुझे बड़ा मजा आता था। लेकिन जैसे ही बात गणित, भौतिक शास्त्र ,रसायन शास्त्र और अंग्रेजी की होती तो मेरा दिमाग सुलगने लगता।
    हमारे घर में मम्मी ने बर्तन मांजने के लिए एक कामवाली को रखा हुआ था। एक बार वह बीमार हो गई तो दो-चार दिन के लिए उसने अपनी बेटी को भेज दिया ।  वह एक शांत लड़की थी। घर में काम करती और मम्मी से पूछ कर बालकनी में बैठकर अपनी पढ़ाई करने लगती।  2 दिन तक मैं देखता रहा, फिर मैंने उससे पूछ लिया..... स्कूल में पढ़ती हो .....वह बोली हां ...मैं पढ़ती हूं..... क्या तुम्हें पढ़ाई करना अच्छा लगता है ..........मुझे बहुत अच्छा लगता है ......और पढ़कर तुम क्या करोगी????..... यह तो अभी नहीं सोचा कि क्या करूंगी, लेकिन यह पक्का है कि अपनी मां का सहारा बनूंगी..... उसने मेरी पढ़ाई के लिए क्या क्या  नहीं किया ,अब मेरी बारी है..... क्या तुम्हें सभी विषय अच्छे लगते हैं ....मुझे अधिकतर विषय अच्छे लगते हैं ,गणित मुझे ज्यादा पसंद नहीं, लेकिन जैसे ही मैं सोचती हूं मैं जीवन में कुछ बनूंगी ,तो एक अलग चेतना का संचार होता है और मैं गणित के सवाल फटाफट हल करती हूं। कहकर वह मुस्कुराई।
    4 दिन के बाद उसकी मां ठीक हो गई, तो उस लड़की ने आना बंद कर दिया । अब उसकी मां घर में बर्तन मांजने आती थी ,अब मैं कभी कभी उससे उसकी बेटी की पढ़ाई के बारे में पूछने लगा ,उसका हालचाल जानने लगा।
      वह लड़की मुझमें एक अलग ही प्रेरणा जगा गई, मुझे भी पढ़ाई की कीमत समझ आने लगी थी । मुझे भी समझ आ गया था ,आज मेरा परिवार मेरे साथ है , हर तरीके से मेरी मदद करता है,.... तो कल मेरी बारी है। 
     आज उसी लड़की की प्रेरणा ने मुझे जीवन में एक मुकाम तक पहुंचाया है।

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