अग्निवीर
हे अग्नि वीर तुम कर्मवीर
काटते शत्रुओं के तुम हो तीर
पीछे मुड़ के न देख वीर
दुश्मन के छाती को दो चीर !!
देश के तुम आस हो
हम सबके तुम विश्वास हो
न डिगना कर्तव्य पथ से तुम
देश हेतु सबसे खास हो!!
देश के कर्णधार तुम
जीवन के आधार तुम
मां भारती के तुम सपूत
मानो विधाता के तुम हो दूत !!
तैनात रहते हो सदा
मंशा तुम्हारी देश हित
छक्के छुड़ा दुश्मन के तुम
देश को दिया हैअद्भुत जीत!!
करते न्योछावर जान तुम
शांति अमन के लिए
अपने सुखों को भूल कर
हमारे खुशी खातिर जिए !!
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