राष्ट्रीय एकता के दिव्य प्रतिमान हैं सरदार पटेल


(भारत एक रहे-अखण्ड रहे का सपना साकार किए)
**************************************


भारत की धरती आसमान का चमकता सितारा।
भारत में रहे एकता  जिसको था प्राणों से प्यारा।

जन्मा भारत की धरती पे था ऐसा भी एक लाल।
इस देश को अखण्ड बनाया है वो माई का लाल।

31अक्टूबर1875को नाडियाड बम्बई प्रेसिडेंसी।
ब्रिटिश भारत में हिस्सा था जन्में जहाँ एक्सलेंसी।

'भारत रत्न' श्रीमान बल्लभभाई झाबेरभाई पटेल।
लोकप्रिय नाम रहाहै ये सरदार बल्लभभाई पटेल।

पिता झाबेरभाई और माँ लाडबा देवी की संतान।
सोमाभाई नरसीभाई विट्ठलभाई  ये चौथी संतान।

प्रारंभिक शिक्षा स्वाध्याय से आगे लंदन में पढ़ाई।
पढ़ने में थे तेज बहुत ही  बैरिस्टर की करी पढ़ाई।

वापस लौट अहमदाबाद में  शुरू किया वकालत।
गांधी के विचारों से प्रभावित हो छोड़ीहै वकालत।

स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी अहं भूमिका निभाई।
गांधी के साथरहे सत्याग्रह में अहं भूमिका निभाई।

बारदोली सत्याग्रह में सरदार पटेल की छवि आई।
बिस्मार्क ऑफ इंडिया ये लौह पुरुष हैं पदवी पाई।

ऐसे राजनीतिज्ञ थे भारतीय प्रथम उप प्रधानमंत्री।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राजनेता गृहमंत्री।

पटेलजी भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता हैं। 
562देशी रियासतों को संगठित किए ऐसे पिताहैं।

केवल जम्मू एवं कश्मीर  जूनागढ़  हैदराबाद स्टेट।
इनके राजाओं ने भारत में विलय किया नहीं स्टेट।

सर्वाधिक हिंदुओं के विलय दबावमें सैनिक खींचे। 
कुछ दिन बाद तीनों स्टेट भी आये पहाड़ के नीचे।

ऐसे सरदारबल्लभभाई पटेल देश के लौहपुरुष थे।
जिनका जन्मदिवस है वह  भारत के महापुरुष थे।

एक बाँध का सपना था पानी की किल्लत दूर रहे।
बना हुआ सरदार सरोवर जिसमें पानी भरपूर रहे।

किसान समस्याओं के प्रबल समर्थक रहे हैं पटेल।
देश हित में  सहकारिता की नींव भी रखें हैं पटेल।

हर्षोल्लास से सांस्कृतिक कार्यक्रम ये आयोजित।
सरदारपटेल का जन्मजयंती समारोह आयोजित। 

आज केवड़िया ये बना हुआहै विश्व पर्यटन स्थल।
सरदार सरोवर के पास बनाहै गुजरात में ये स्थल।

मना रहा है देश गर्व से आज राष्ट्रीय एकता दिवस।
गुजरात केवड़िया में  आयोजित भव्य एक दिवस।

विश्व में सबसे ऊँची है ये सरदार पटेल की प्रतिमा।
देश भर के किसानों से  लोहा लेके बनी है प्रतिमा।

180 किमी प्रति घंटे की आँधी झेल सके प्रतिमा।
भूकंम्प के झटकों से भी सुरक्षित रहेगी ये प्रतिमा।

182मीटर ऊँची है ये लौह पुरुष की भव्य प्रतिमा।
स्टैचू ऑफ यूनिटी कहलाती है  पटेल की प्रतिमा।

स्टैचू ऑफ लिबर्टी से लगभग दुगुनी ऊँची स्टैचू है।
सरदार के ऊँचे व्यक्तित्व के जैसे ही ऊँची स्टैचू है। 

देश की एकता-अखंडता के प्रतिमान रहे शिल्पी।
सरदार बल्लभभाई पटेल भारत के हैं वो शिल्पी।

ये दर्शनीय है  वंदनीय है शत-2 नमन मैं करता हूँ।
देशके सच्चे शिल्पकार का मैं अभिनंदन करता हूँ।


रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
प्रतापगढ़,उत्तर प्रदेश

Comments

Popular posts from this blog

अग्निवीर बन बैठे अपने ही पथ के अंगारे

अग्निवीर

अग्निवीर ( सैनिक वही जो माने देश सर्वोपरि) भाग- ४