ईश्वर कृपा,रुचि,कर्म,भाग्य से सब बनता है
प्रभु ने मानव योनि में ये तन देकर उसमें भर दी है सांसें।
सबकी नपी तुली हुई है गिन कर लिखी गई हैं यह सांसें।
उससे ज्यादा नहींहै चलती किसी भी प्राणी की ये सांसे।
इंसा तभी ये रोये गाये हँसे हँसाये बोले छींके पादे खाँसे।
पुण्य प्रताप ये कुछ मिलता है मात-पिता पूर्वजों का भी।
पूर्व जन्म के कर्मो का भी फल मिलता है प्रारब्ध का भी।
निज रुचि कर्म धर्म भाग्य से ही जीवन में कुछ बनता है।
डॉक्टर इंजीनियर बैरिस्टर वैज्ञानिक सभी कुछ बनता है।
आई ए एस,आई पी एस,पीसीएस,पीईएस भी बनता है।
आई एफ एस,आई आर एस,आई ई एस,कभी बनता है।
विभागी अफसर,सेनाओं में सर्वोच्च अधिकारी बनता है।
जल थल वायु सभी सेवाओं में 1 उच्चाधिकारी बनता है।
चोर उचक्का कतली डाकू गुंडा मवाली लोफर बनता है।
भूमाफिया खनन माफिया डॉन ब्लैक मार्केटर बनता है।
मजदूर मिस्त्री रेहड़ीवाला रिक्शा चालक कोई बनता है।
पंचरवाला सब्जी वाला धोबी नाई मोची कोई बनता है।
जादूगर मदारी नर्तक गायक कौवाल बाजीगर बनता है।
वाद्य यंत्रों के वादक कवि लेखक साहित्यकार बनता है।
गीतकार नाटककार उपन्यासकार कहानीकार बनता है।
इतिहासकार दर्शनशास्त्री शिक्षाशास्त्री कभी बनता है।
ज्योतिषाचार्य समाजशास्त्री वास्तुशास्त्री सभी बनता है।
ओझा वैद्य हकीम प्रेरक कोच परामर्शदाता भीबनता है।
निर्माता उत्पादक रिक्रूटर मेन्टर सी ए, सी एस बनता है।
विभिन्न स्पेसिफिकेशन करके उस क्षेत्र में स्पर्ट बनता है।
नेता मंत्री राजनेता राष्ट्रपति प्रधानमंत्री राजदूत बनता है।
राज्यपाल उपराज्यपाल मुख्यमंत्री नेता विपक्ष बनता है।
साधुसंत अखाड़े पुजारी प्रबचनकर्ता ब्रह्मचारी बनता है।
मठों के मंडलाधीश्वर जगतगुरु कृपालुमहाराज बनता है।
महामंडलेश्वर औघड़ फकीर दानी व ब्रह्मज्ञानी बनता है।
स्वामी अड़गड़ानंद महाराज व चैतन्य महाप्रभु बनता है।
शिक्षक गुरु आचार्य व युवा स्वामी विवेकानंद बनता है।
सबको शिक्षा देने वाला महान आदर्श शिक्षक बनता है।
जीवन में अच्छा कुछ होता यदि कोई अच्छा बनता है।
धरम करम संवेदना मानवता परोपकार से ही बनता है।
बाकी भी रह जाता अगर कुछ अगले जन्म में बनता है।
बुरा करे से बुरा है बनता अच्छा करके अच्छा बनता है।
अच्छा सोचो अच्छा करो तो सदैव ही अच्छा बनता है।
काम नहीं बिगड़ता कोई जीवन में सबअच्छा बनता है।
अपने-2 भाग्य,कर्म एवं अपने रुचि से ही सब बनता है।
ईश्वर की अपार कृपा, रुचि,कर्म,भाग्य से सब बनता है।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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