बारिश की बूंदे 💦☔ बारिश की बूदें कितनी खूबसूरत होती है, तुम्हारी पड़ती एक एक बूदों का तो जवाब नहीं, मिट्टी पर गिरते ही समा जाती हो, अपनी खुशबू से फिजाओं को महका जाती हो, अपनी बूदों से सुखी नदियों को भर देती हो , धरती को हरा भरा कर देती हो 🌳💚🍏, मोर भी शर्म हया छोड़ कर नाचने लगते है, चांदी जैसी बूदों की वो छम छम आवाज, मधूर संगीत जैसी लगती है, तपती हुई रोशनी को , अपनी झटकती हुई जुल्फों की बूदों से छुपा देती हो, सीपी मे पड़ते ही एक बूंद मोती हो जाती है, सच मे बारिश की बूदें कितनी खूबसूरत होती है ।
एक विशेष प्रकार की आवाज सुनकर राजन की नींद खुल गई । आवाज ऐसी आ रही थी जैसे कोई सांप रेंग रहा है । उसने धीरे से अपनी आंखें खोली मगर उसे कुछ दिखाई नहीं दिया । उसे लगा कि उसने डर के मारे आंखें खोली ही नहीं थीं । उसने अपनी दोनों हथेलियों से अपनी थोनों आंखें मसली फिर खोलीं । अभी भी कुछ दिखाई नहीं दिया । राजन सोच में पड़ गया कि आखिर माजरा क्या है ? राजन के दिमाग में अचानक कौंधा कि वह शायद बिजली बंद करके सोया था । पर उसे याद आया कि वह तो बिजली जली छोड़कर बिसार लेटा था और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा था कि अचानक उसकी आंख लग गई । लेकिन पूरे मकान में ये अंधेरा क्यों है ? शायद लाइट चली गई होगी , राजन के मस्तिष्क में एक क्षण को यह बात आई लेकिन अगले ही पल उसने गर्दन घुमाकर बाहर की ओर देखा तो पता चला कि रोड लाइट जल रही थी । "ये क्या माजरा है" ? राजन को कुछ समझ नहीं आ रहा था । जब दिमाग में भय समाया हुआ हो तो फिर वहां बुद्धि और ज्ञान नहीं रहते हैं । दोनों में छत्तीस का आंकड़ा है । राजन ने सोचा कि वह उठकर लाइट जला दे । क्या पता बंद करके सोया हो ? लेकिन उठना कोई कम जोखिम का काम था क्य...
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