अग्निवीर
देश की माटी इनका चंदन
रक्त प्रवाह इनका नवयौवन
रिपु की राह में स्थिर रहते
अग्निवीर है यह कहलाते
क्या कर लेगा अंधड़ इनका
अटल रहे हर झंझावात में
देश प्रेम में निशदिन रहते
अग्निवीर है यह कहलाते
मात पिता का आदर करते
भ्रात सखा संग प्रेम भी करते
देशप्रेम सर्वोपरि रखते
अग्निवीर है ये कहलाते
देश भी इनको देता सब कुछ
भोजन स्वास्थय सुरक्षित भविष्य
आन बान और शान से रहते
अग्निवीर है ये कहलाते।
साधना सिंह
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