परिस्थितियां और महिलाएं

परिस्थितियां महिलाओं को मजबूत  बना देती है, 
एक अलग सा आत्मविश्वास जगा देती है, 
तप तप के पक जाती है इतना कि चमका लेती है खुद को , 
खुद के  लिए सजने लगती है, रंग भी चुनने लगती है, 
    रुठना, रोना सब छोड़ देती है, 
उलझनों को कर के एक किनारा, खुद को सुलझा लेती है, 
 बंद कमरो से निकल कर खुले आसमानों मे उड़ती है, 
      लिख देती है जिंदगी के तजुर्बे को, 
अकेले ही जूझने लगती है मुश्किलों से, 
मन दुखी हो तो कुछ खास पका लेती है,
कभी घुंघरुओ के साथ, तो कभी साज की ओर हो जाती है।। 

         पर हिम्मत नही हारती, 
रोती तो खुब है पर दुख नही मनाती, 
मुश्किलें कितनी भी हो सबको हरा देती , 
ये औरतें ही होती है जो हर परिस्थितियों , 
     मे खुद को ढाल लेती है। ।

Comments

Popular posts from this blog

अग्निवीर बन बैठे अपने ही पथ के अंगारे

अग्निवीर

अग्निवीर ( सैनिक वही जो माने देश सर्वोपरि) भाग- ४