अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
इतनी जल्दी क्यों हार गई यही खेद है अंजलि
जिन्दगियां बचाती थी तुम औरों की,
फिर क्यूँ खुद के लिए हार गई अंजलि।
अश्रुपूरित........
शहर छोड़ तुमनें गाँव को कर्मभूमि बनाया अंजलि
छोटे से गाँव को सुविधाओं से सजाया अंजलि
दुआएँ थी ना कई औरतों की तुम्हारें साथ
फिर क्यूँ मौत को तुमनें साथी बनाया अंजलि।
अश्रुपूरित........
करबद्ध तुम्हें नमन करते है अंजलि
इंसाफ तुम्हें मिले यही कामना है अंजलि
जिस जहाँ में भी तुम गई हो चली
समाज के लिए प्रेरणा थी तुम अंजलि।
अश्रुपूरित...........
गरिमा राकेश 'गर्विता ,गौत्तम
कोटा राजस्थान
Comments
Post a Comment