अग्निपथ
जीवन है अग्निपथ,हांक तू श्वास रथ।
न हो विकल,चल तू अविचल।
जीवन है अग्निपथ।
हो मन व्यथित,तू धैर्य रख।
तम से तू ,बिल्कुल न डर।
जीवन है अग्निपथ।
हो मृत्यु भी गर,सामने तेरे सन्निकट।
रख हौसला बस,तू ले निपट।
जीवन है अग्निपथ।
ये त्रासदी क्या,कुछ भी नहीं।
तू सकता न,बिल्कुल भी डर।
जीवन है अग्निपथ।
इंदु शुक्ला
उरई उत्तर प्रदेश
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