शिक्षा बना व्यवसाय

सच्चाई है कि शिक्षा आजकल एक व्यवसाय बन गया है, 
   बस्ते का बोझ बढ़ रहा है, 
मंहगी हुई फीस, किताबों के दाम आसमान पर, 
पाई पाई पर जोड़ कर भरे जाते फीस है, 
एक दुकान है फिक्स कपड़े और जूतों के, 
कितनी कमाई करते हैं ये मंहगाई से जुझते अभिभावकों से, 
किताबें भी अब स्कूलों मे मिलते, 
खुली दुकानें शिक्षा की गलियों में मवेशियों की, 
लग रही बोलीं अभिभावकों की, 
      सुरसा सा मुख फाड़ रही , 
 शिक्षा बना व्यवसाय   सबको मार रही, 
     कुछ नहीं थी पहले चार बच्चों की पढ़ाई, 
पर अब एक बच्चे को पढा़ई ने मां बाप की नींद गई, 
         .पर क्या  करे , 
शिक्षा है भी जरूरी इसके बिना पूरी जिंदगी है अधुरीl

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