क्षणभंगुर जीवन" (हाइकु काव्य)
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क्षणभंगुर
जीवन हुआ तो क्या
हमें है जीना
जिंदादिली से
हर क्षण को जीये
साहस यही
सुख-दुख तो
आते-जाते पड़ाव
इस राह के
बढ़ना हमें
आखरी सांस तक
थमना नहीं
प्यारा जीवन
भेंट है ईश्वर का
संजोना हमें
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मनीषा भुआर्य ठाकुर (कर्नाटक)
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