शिवरात्रि



पावन ये घड़ी आई, मंगल की बेला छाई।
विवाह है गौरा संग, सभी गण आइए।।

धूनी रमी अंग-अंग, छाने लगा प्रेम रंग।
रुद्र जाते हैं मगन, नगाड़े बजाइए।।

वर माला लिए हाथ, चली सखी संग साथ।
अंखियन लाज सजी, फेरे तो लगाइए।।

शिव-रात्रि आई आज, पूरे होंगे सब काज।
शिव-गौरा का जो साथ, आशीर्वाद पाइए।।
मनीषा अग्रवाल
इंदौर मध्यप्रदेश

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