पीबी कालेज स्थित शिव मंदिर में शिव प्रार्थना

1898से गुरु-शिष्य प्रार्थना स्थल पर शिव स्तुति करते हैं

शिवाकांत शम्भो शशांकार्ध मौले,
महेशान शूलिन जटा जूट धारिन।

त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूप,
प्रसीद-प्रसीद प्रभो पूर्णरूप।

परात्मानमेकं जगदबीजमाद्यम,
निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम।

यतो जायते पाल्यते येन विश्वम,
तमीशंभजे लीयते यत्र विश्वम।

न भूमिर्न चापो न वहिर्न वायु:,
न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।

न ग्रीष्मो न शीतं न देशो न वेषो,
न यस्यास्तिमूर्ति स्त्रिमूर्तिम तमीडे।

अजं शाश्वतं कारणं कारणानां,
शिवं केवलं भासकं भास्कनाम।

तुरीयं तमःपारमाद्यन्तहीनं,
प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम।

नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते,
नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते।

नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य,
नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्य।


प्रेषक :

डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.

Comments

Popular posts from this blog

अग्निवीर बन बैठे अपने ही पथ के अंगारे

अग्निवीर

अग्निवीर ( सैनिक वही जो माने देश सर्वोपरि) भाग- ४