रोबोट मेरी माँ
रोबोट एक ऐसी मशीन का निर्माण जो हमारे इशारे पर काम करें..। इंसान के हर काम को सरल और बेहतर तरीके से करने वाली मशीन..। हम इंसानों ने अपनी सहुलियत के लिए रोबोट का निर्माण किया हैं..। मैने मानव निर्मित इस रोबोट को सिर्फ किताबों में पढ़ा हैं और टेलीविजन में देखा हैं...।
मानव निर्मित ये रोबोट एक मशीन की तरह काम करता हैं.... बिना थके... 24 घंटे लगातार... हर तरह का..... तरह तरह का काम...।
लेकिन मेरी जिंदगी में एक ऐसा शख्स था जो रोबोट से कम नहीं था...।
मेरी माँ.....
किसी रोबोट से कम नहीं थी....। तीस लोगों के परिवार में रहते हुए... सभी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए... हर वक़्त..... हर समय एक के बाद एक काम....।
सवेरे चार - पांच बजे से उठकर..... सभी को उनकी जरूरत के हिसाब से खाना..... नाश्ता...... चाय..... दूध..... सब मुहैया करवाना..।
उसके अलावा घर की साफ सफाई.... कपड़े धोना..... बर्तन मांजना..... बच्चों की देखभाल... घर के बड़ों की संभाल....।
हर काम वक़्त पर...।
सच में वो किसी रोबोट से कम नहीं थी...। शायद ये सब हर माँ करतीं होगी..। लेकिन मेरे लिए मेरी माँ आदर्श थीं....।
बहुत बार उनकों देखकर अक्सर दिल में ये ख्याल आता ही था...।
कई बार उनको बोलतीं भी थीं.... की माँ रोबोट की तरह सारा दिन चलतीं रहतीं हो.... कैसे कर लेती हो ये सब...?
सच में मेरी माँ किसी रोबोट से कम नहीं थी....।
जी हाँ.... थी..... क्योंकि अब वो मेरे साथ नहीं हैं.... पर आज भी उनकी हर बात.... हर याद मेरे साथ हैं...।
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