कभी किसी के दिल से, बददुआ नहीं लीजिये


कभी किसी के दिल से, बददुहा नहीं लीजिए।
सभी आबाद हो यहाँ, तुम दुहा यही कीजिए।।
कभी किसी के दिल से -------------।।


दया, धर्म और भाईचारा, जीवन का मकसद रहे।
बद से हमेशा दूर रहे, और नेकी से मतलब रहे।।
महके चमन हर आँगन में, कोशिश सदा यह कीजिए।
कभी किसी के दिल से-------------।।


महलो-दौलत, पद-ओ-ताज का, छोड़ो करना अभिमान।
भेदभाव तुम करो नहीं, मुफ़लिस यतीम को दो सम्मान।।
सबके गमो- दर्द दूर करो तुम, रोशन सभी को कीजिए।
कभी किसी के दिल से------------।।


मत छीनो आजादी किसी की, मत किसी को करो गुलाम।
सबको जी आजाद बनाओ,करने दो आसमां को सलाम।।
मुस्कराता हर चेहरा हो, आँसू किसी को नहीं दीजिए।
कभी किसी के दिल से------------।।


रचनाकार एवं लेखक- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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