राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता
एक अखंड राष्ट्र है,अपना ये देश हमारा।
लहर-लहर लहराए तिरंगा जहाँ में प्यारा।
सभी जातियों धर्मों को है प्राणों से प्यारा।
संस्कृतियों से भरा हुआ है ये देश हमारा।
रंग-रंग के प्यारे फूलों वाला,देश है न्यारा।
खुशबू का गुलदस्ता है,भारत देश हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई,सब का प्यारा।
राष्ट्रीय एकता का परिचायक,देश हमारा।
कोयल यहाँ पे गाती है,जंगल में नाचे मोर।
करे पपीहा टेर यहाँ, मुर्गे की बाग से भोर।
भिन्न-भिन्न त्यौहार,यहाँ पर कितना प्यारा।
गंगा जमुनी संस्कृति है,प्रेम औ भाई चारा।
दुनिया में सबसे बड़ा,लोकतंत्र देश है मेरा।
महापुरुषों की धरती,पर गौरव बढ़े हमारा।
झंडा भारत का ऊंचा है,तीन रंग का प्यारा।
कहें तिरंगा झंडा अपना,विश्व में यह न्यारा।
सैनिक टुकड़ी ड्यूटी करते, रक्षा में इसकी।
प्राणों से प्यारी है राष्ट्र की,इनको यह धरती।
सियाचीन एवं ग्लेशियर,की बर्फ़ीली चट्टाने।
फौलादी इरादों के रक्षक,बन खड़े हैं चट्टाने।
देश हमारा इतना सुंदर,सजे हुए गुलशन हैं।
फूलों से महकती वादी,महकता गुलशन है।
प्रेम और सौहार्द्र का, ये तो अद्भुत संगम है।
प्रयागराज नगरी में, पतित पावनी संगम है।
मथुरा काशी हरिद्वार,अयोध्या ये पुण्य धरा।
राम कृष्ण गौतम बुध्द, विवेकानंद की धरा।
नेता सुभाष परमहंस, महावीर की ये धरती।
युधिष्ठिरअर्जुनभीम,नकुलसहदेव की धरती।
गौतम विश्वामित्र वशिष्ठ,परशुराम की धरती।
द्रोणकर्ण एकलव्य,दधीचि प्रह्लाद की धरती।
एक नहीं अनेकों वीर,जन्में हैं भारत भूमि में।
बलिदानी तपस्वी हैं,कितने जन्में इस भूमि में।
कितने नाम गिनाऊँ मैं,इतिहास भरा है हमारा।
गर्व हमें हम भारतीय हैं,ये देश अखण्ड हमारा।
यह एकता बनाए रखना,बनता है फर्ज हमारा।
कितना प्यारा कितना सुंदर, है यह देश हमारा।
निज देश पे बलि-2 जाऊँ,जनमूं जब मैं दुबारा।
हमको भारत है प्यारा,ये हमको भारत है प्यारा।
सदा हमारे अधरों पर हो,ये जय हिन्द का नारा।
एवरेस्ट की चोटी पे फहरे,सदा तिरंगा ये प्यारा।
हमको भारत है प्यारा,ये हमको भारत है प्यारा।
हमको भारत है प्यारा,ये हमको भारत है प्यारा।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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