शादी के लड्डू

  सबसे पहले तो सबसे बड़ा झोल , 
लड़का हो या लड़की पैदा होते ही, 
बजा दिया जाता है शादी का ढोल, 
     कहा जाता है लडकों को, 
पढ़ ले बेटा नहीं तो कम मिलेगा दहेज, 
सात फेरो का सब खेल है भाई, 
नाचें गाए दुनिया, फंस जाए दुल्हा बाबू, 
कहा जाता है लडकीयों से, 
बना ले रोटी गोल, तभी मीलेगा सइयां तोल, 
जो लड़की होती थी मायके मे रानी, 
शादी के बाद रह जाती है नौकरानी, 
कहते है सब जो खाएं वो पछताए, जो ना खाए वो भी पछताए, 
पर जितना मैंने जाना है, है ये समझदारी का मेल, 
         प्यार मौहब्बत का है ये खेल, 
सिक्के के दो पहलू है, दौनों के सुख दुःख भी एक है, 
न खट्टा न मिठ्ठा, न है ये जीवन का सट्टा, 
सात फेरो, सात वचनों  का है ये सुंदर संगम, 
विशवास से बनती है इनकी नीवं , 
शादी का ये प्यारा बनधंन,है सबसे निराला , 
कुछ तीखे कुछ मीठे  होती है नोक झोक, 
है लड्डू ये मीठे मीठे रोज खाओ स्वर इनके तीखे तीखे ll
     🤵  शादी का  लड्डू👰

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