"अलविदा वर्ष 2021"
अलविदा वर्ष 2021 के साथ कुछ अच्छी तो कुछ बुरी यादें भी जुड़ी हैं....
वर्ष 2020 का बीजा रोपड़ कोरोना ने जिस तरह शुरुआत ही दौर से कहर मचाना शुरू कर दिया था,
जिसके फलस्वरूप 2021में भी उसने अपनी चपेट
में ले लिया- जिसने बहुत नुक्सान करा....
घर के घर उजड़ गए, लोगों का सहारा छिन गया,
आर्थिक रुप से भी लोग परेशान हुए, रोजगार छिन गये, काम काज छूट गया.....
सबसे ज्यादा परेशानी हुई मध्यम वर्ग को क्यों कि
न तो वह किसी से कुछ सही स्थिति बता सकते हैं,
और न ही कोई ने उनकी सहायता करी....
सरकार भी सिर्फ नीचे तबके के लिए सोचती है,
और मदद करती भी है......
लेकिन मध्यम वर्ग के लिए सरकार भी नहीं सोचती,
ये तबका जिए या मरे उसको क्या....?
क्यों कि ये तबका ऐसा है शरमोहया में हल्ला-
गुल्ला भी नहीं करने वाला.......
और अमीरों का तो कहना ही क्या..?
उनको तो जरुरत ही नहीं है कोई दिक्कत नहीं!!
और कसर बाकी थी तो कुछ एक वर्ग ने....
इंसानियत को ताक पर रख दिया....
लूट खसोट को अपना धंधा बना लिया....
कहने का तात्पर्य ये है जो हो हल्ला करे या जिनका
घर पहले ही से भरा है, सरकार भी उन्हीं की है...
मदद भी उन्हीं की करती है.....
कहने को ही है:-
जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन
है...
पर असलियत कुछ ओर होती है.....?
जनता के ही पैसों से जेबें भरी जाती हैं.....?
जनता तो मूर्ख है बातों में आ ही जाएगी.....?
जनता को तो लालीपाप दिखा दिया जाता है....?
खैर- ढर्रा है चलता रहेगा!!!
बीते वर्ष में कुछ अच्छा भी हुआ जो भी उसको
हम याद रखें.....
अगले साल का स्वागत करें सब अच्छा होगा....
उजियारा होगा, छंटेगा अंधियारा.....
सुख समृद्धि आए, खुशहाली छाए जीवन में....
मेरी स्वरचित रचना:--
"शुरुआत क्या करें"
शुरुआत हम, क्या करें,
आती जाती, सर्द हवाएं,
दे रहीं हैं कुछ, पैगाम नया,
मुस्कुराकर ,स्वागत करें जनाब,
बीते वर्ष में, क्या हुआ,
हलाकान कितना किया,
इस मुद्दे को, छोड़ो यारों,
नये सिरे से, जिंदगी जियो जनाब,
मुश्किलें तो, आती जाती,
वो तो हिस्सा हैं, जीवन का,
मुश्किलों से, क्या घबराना,
मिली जिंदगी,जीना तो है जनाब,
आदाब अर्ज आपसे करते,
बीती ताही बिसार दे,
आगे की सुध लेओ,
नव वर्ष का, स्वागत करो जनाब ।
रचनाकार -रजनी कटारे
जबलपुर म.प्र.
🙏🌹जय श्री कृष्णा🌹🙏
--:रजनी कटारे:--
जबलपुर म.प्र.
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