हे लौह पुरुष

३१ अक्टूबर १८७५ को चमका एक सितारा.. 
"वल्लभ भाई" नाम पडा़, फिर हिम्मत कभी न हारा.. 

पिता "झवेर" के स्वाभिमान का परचम  भी लहराया था.. 
माँ लाडवा देवी के आंचल का मान बढाया था.. 

स्वतंत्रता सेनानी जो पहले गृहमंत्री भारत के.. 
एकता का पाठ पढा कर जन-जन में आशा भरते.. 

युगद्रष्टा, हो "लौहपुरुष " भारत का मान बढाया था.. 
किसानों के दिल में जब सागर बन कर लहराया था.. 

बारडोली सतयाग्रह का बिगुल बजाने वाले आप.. 
न्याय मिले धरती के किसान को दूर किया उनका संताप.. 

रुकी ह्रदय गति डूब गया अस्ता़ंचल में एक सितारा.. 
अमर रहा जन के उर में भारत माता का दुलारा... 




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