हम अपनी मनोदशा क्या लिखें
लिखें,,,हम अपनी मनोदशा क्या लिखें???
सुबहा की तन्हाई लिखें,,,या रातों अंगड़ाई लिखें,,
लिखें क्या समझ नही आता,,जीवन बेतरतीबी में
गुजर रहा,,कहां मोहब्बत की भरपाई लिखें,,,
आठों पहर दसों दिशाएं,,,और हृदय में गुमनामी
की शहनाई,,,बताओ यार हम अपनी मनोदशा
क्या लिखें,,,
अब जीने कहां देती है ये तन्हाई की तरुनाई,,
हम अपनी मनोदशा क्या लिखें,,,
®कुमार
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