आओ मन का दीप जलाएं

बन जुगनू जगमग कर जाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं|| 

भेद भाव की छोड़ बुराई 
भर मन में अपने अच्छाई 
दिल में जो अंधकार भरा है 
दीपक दिल में बुझा पड़ा है 

दिल से नफ़रत द्वेष मिटाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं || 

दीप जलाना एक बहाना 
साथ खड़े हो प्रेम निभाना 
हाथ बांध कर एक पंक्ति में 
सारा जग जगमग कर जाना 

लता- बेल सा हम बन जाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं || 

कोना कोना गांव देश का 
जाति धर्म का वर्ण वेश का, 
मिल रंगों सा बन रंगोली 
लाल गुलाबी नीली पीली, 

स्नेह प्यार का नेह जगाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं || 

फोड़ पटाखा चकाचौंध में 
घर घर लक्ष्मी पूजी जाती 
बिच्छू गोजर सांप छछूंदर 
मंत्र जाप खूब की जाती 

सोंच समझ का ज्ञान बढ़ाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं || 

देखो ढूढ़ो ऐसे बच्चें 
भूखे प्यासे रोते सोते 
बेसहारा जीवन जीते ! 
क्या दीवाली ऐसे होते? 

उनकी खुशियां वापस लाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं|| 

दीपक बाती सा जीवन में, 
रिश्ता क़ायम हो मन मन में, 
सिकवा गिला भूल भुला कर, 
शीश नवाकर गले लगाकर, 
मन मुटाव मत भेद मिटाएं | 
आओ मन का दीप जलाएं|| 

स्वरचित,,,,
✍️✍️✍️प्रितम वर्मा🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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