न रखो उम्मीद किसी से
ना रखा करो उम्मीद दूसरों से
टूट जाती है जब पूरी नहीं होती!!
मिलता है फिर गम और यह सोच-सोच कर
उदास होते हैं फिर हम!!
यह जानते हैं हम कि जो दिया है वह बापिस लौटकर आएगा जरूर
तो फिर क्यों इतनी बेचैनी ,इतना गुस्सा और इतना गुरुर !!
करो ना वही जो तुमको हो पसंद
खुद से खुद को मिलाकर लिख डालो इबारत सच्चे प्यार की!!
ना मिलता ना मिले, किसी से चाहत का इकरार
तुम दे दो यह सोच कर कि आएगा जरूर लौटकर बेहिसाब!!
एकता श्रीवास्तव✍️
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