इश्क में हर सांस

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ज़ब किसी से दिल लग जाता है
हर तरफ दिलकश समा लगता है
करते है आशिक़ हवाओ से बाते
पतझड़ में बहार सा लगता है

नींद उड़ जाती है आँखों से कही दूर
रातो को सोना गवारा नहीं होता है
सजाते है आँखों में महबूब की सपने
इश्क़ में जैसे हर ख्वाब पूरा सा लगता है

छुप छुप कर दिलबर की दीदार करना
ना दिखे गर कभी तो दिल का आहे भरना
गर मिल जाता है एक झलक भी सनम की
तो दिल का हर ख्वाहिश पूरा सा लगता है

रात अँधेरी हो या चाँदनी के साथ चाँद
रोज़ करते है झिलमिलाती तारो से बात
दर्द कितना भी हो दिल में फर्क नहीं पढ़ता
इश्क़ में मिला जख्म भी दिल को बहुत प्यारा लगता है

न कोई गिला न कोई शिकायत होता है
सच्ची मोहब्बत में कहाँ कोई इम्तेहान होता है
भूलकर सारी दुनिया को खोये रहना सनम की यादो में
दिल के हर धड़कन की यही बयां होता है

चल पड़ते है दीवाने काँटों भरी राहो में भी
हर मुश्किल भी जैसे आसन सा लगता है
एक बार जो डूबे इस इश्क़ की दरिया मे
पार करने से ज्यादा उन्हें डूबना अच्छा लगता है

लाख सितम कर ले ये दुनिया मोहब्बत में 
फिर भी होठों पे हर पल मुश्कान रहती है
मिट जाती है हस्ति पर प्यार नहीं कम होता
इश्क़ में नैना हर सांस अपने महबूब के नाम होता है....!!
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नैना.... ✍️✍️✍️

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