श्रीराम अवध में आए
श्रीराम अवध में आए नित मंगल मोद बधाए।
घर घर में मनी दीवाली दीपों से नगर सजाए।।
है भव्य बना मंदिर यह हैं भक्त सभी कराए।
नित होती आरती पूजन जनमन हरषित हो जाए।।
फूलों की बरसा होती झाँकी मोहित कर जाए।
मणिमय पुष्प सुशोभित जीवन आनंद भर जाए।।
नभ मेघ दुंदुभी बाजी शहनाई मधुर सुहाग।
सरयू जल अति पुलकित हो राघव की रटन लगाए।।
शुभ बेला है मंगल की न्यौछावर तनमन जाए।
स्वरचित मौलिक प्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉक्टर आशा श्रीवास्तव जबलपुर
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