अम्मा का प्यार

अम्मा थी वह सब की पूरे बस्ती के लोग आदर और सम्मान करते थे मीरा नाम था छोटी कद की थी रंग सांवला था । कच्ची उम्र में ही शादी हो गई थी दुनियादारी की कोई जान पहचान नहीं और 16 वर्ष की होते होते विधवा भी हो गई। दुखों का पहाड़ ही टूट गया उस पर बस्ती के लोगों ने सहारा दिया । अम्मा दयालु और प्रेम की देवी थी , अम्मा के बिना बस्ती वालों का कोई काम नहीं होता था। आज बस्ती में कोई हलचल नहीं है अम्मा बहुत बीमार है। अम्मा उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं सबके चेहरे पर उदासी हैं डॉक्टर ने कह दिया अम्मा के पास बहुत कम समय है ।सब लोग अम्मा को घेरकर बैठे हुए हैं ।  सबकी आंखों में आंसू भरे हैं आज अंतिम सांसे गिन रही है अम्मा।बस्ती वालों का अम्मा के प्रति प्यार देखकर यमराज को भी सोचना पड़ेगा।
                          ऋचा कर्ण✍✍✍✍

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