दुख और खुशी



ये वो एहसास है जिसका कोई नाम नही। 
देश दुनिया के साथ इस को कौई काम नही।

रिश्ता तो बस उस खुदा से है, 
और किसी से तो सरोकार नही।

मागते है तो हम अपने खुदा से,
हम किसी के यहा मोहताज नही।

वो ही आएगा मुझे दर्द ओ गम से बचाने के लिए। 
किसी और का अब मुझ को इन्तजार नही। 

जानता है वो मेरी आदत को,
मेरी हालत से बो अनजान नही।

सच तो यह है की भरी दुनिया मे,
उसके सिवाय किसी की पहचान नही।
रितु शर्मा

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