"औरत"

♥️🙏♥️🙏♥️🙏

हिम्मत की हौसले की दीवार है औरत
जो मुश्किलों को कांटे वो तलवार है औरत

आंधियों में भी अपने उम्मीद की दियों को बुझने नहीं देती 
ऐसी निडर हिम्मतदाड़ है औरत

ताकत को इसको तुमने अभी जाना है कहां
तुफाने जिंदगी की पतवार है औरत

मुंह तोड दुश्मनों को ये देती है जवाब
ये जिंदगी के हर जंग की हुंकार है औरत

पैसों के बल से क्या खरिदोगे तुम
समझा है क्या तुमने बजाड़ है औरत

कभी मां कभी बहन कभी पत्नी बनकर संवारती है जिंदगी 
मानो सबकी जिंदगी की अटूट प्यार है औरत

दो घड़ों की जिंदगी को स्वर्ग सा सुंदर बनाती है 
खुद जलकर दुसरों को रौशनी देती है ऐसी समझदार है औरत

इसके वगैर दुनिया का वजूद है कहां
मरियम सीता फातिमा का किरदार है औरत

इनके मुकाबले हुकूमत क्या करे कोई 
सुल्ताना लक्ष्मीबाई की अवतार है औरत

आओ हम सब मिलकर इनको इज्जत करें
ये हम-सब की इज्जत का हकदार हैं औरत 

♥️🙏♥️🙏♥️🙏

स्वरचित कविता ✍️
सर्वाधिकार सुरक्षित
अफ्फान हाजिपुरी

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