आइने में
जो उलझन थीं दिल में मेरी
उनकी आँखों ने पल में सुलझा गया
देखा जो मैंने उनकी आँखों की उस आईने में
वो दिल का हर राज़ बयां कर गया....!!
बहुत कोशिश की थीं मैंने
की उन्हें ना बताऊ हाले दिल अपनी
पर मिलते नज़र ही सारा भेद खुल गयीं उस आईने में
वो दिल का हर राज़ बयां कर गया....!!
क्या खूब अदा थीं मेरे महबूब की
आँखों से मेरे दिल में उतर जाने की
पढ़ लिया बेझिझक हर अल्फाज़ दिलके उस आईने में
जो वो दिल का हर राज़ बयां कर गया....!!
हमेशा बयां करते रहे वो जो मैंने मना किया
इनकार करती रही जिस मोहब्बत को अपनी
बड़े आसानी से इकरार करा लिया महोब्बत उस आईने ने
जो मेरे दिल के हर राज़ बयां कर गया....!!
क्यूँ फर्क पढ़ता रहा उन्हें मेरी मायूसी से
ये नांदान दिल कभी समझ ना सका
कसूर मेरी थीं जो कभी देखना नहीं चाही उस आईने में
वो जो दिल का हर राज़ बयां कर गया...!!
अब छोड़ना नहीं है साथ कभी एक दूजे की
कर ली है जो एकरार-ए-मोहब्बत दिल से
संवरना है नैना को ज़िन्दगी भर अब उस आईने में
वो जो दिल का हर राज़ बयां कर गया....!!
💓🌹💓🌹💓🌹💓🌹💓🌹💓🌹💓🌹💓🌹💓🌹💓
नैना....✍️✍️💕
Comments
Post a Comment