शुभ जन्माष्टमी
बधाई सब को बारंबार ,
आयो रे नंदलाल रे
आयो मदन गोपाल रे।
गीता का जो ज्ञान दिया
वह सारे जग में छाया ,
तेरी कान्हा हे मनमोहन
फैली सारी माया।
तुम मेरे बन जाओ मोहन
मैं बन जाऊं मीरा
मैं तो मोह माया का पत्थर
गोपाला तू हीरा।
दही की हांडी तुम्हारी कान्हा
मेरे घर में टांगी ,
आ जाओ कान्हा मेरे घर
यही मांग है मांगी।
आज जन्मदिन तुम्हारा आया
झूमे नाचे गाए ,
बांसुरी की धुन पर कान्हा
जग से पाप मिटाएं।
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