मां
कोई अस्तित्व मेरी इस ज़िन्दगी की
जो तेरे आँचल में मेरी जीवन मिला न होता
क्या होती वज़ूद मेरे ज़िन्दगी की इस जहाँ में
जो माँ तेरे साये में हमारी जीवन पला न होता...!!
जिसको देखकर सवर गयीं मेरी ज़िन्दगी
उस हकीकत की मेरी आईना हो तुम
कबकी बिखर गयीं होती ये ज़िन्दगी मेरी
जो माँ तुमने मुझे प्यार से संभाला न होता....!!
दुनिया ने ठुकरा या मुझे ज़िन्दगी के हर कदम पर
ढाल बनके खड़ी रही अपनी गुड़िया की तुम
जाने क्या अंजाम होती में एकेली इस दुनिया में
जो माँ तेरे साथ का सहारा हमें न मिला होता....!!
हर कोई बोझ समझा अपने ज़िन्दगी के
लेकिन हमें अपने ममता से संवार कर रखी तुम
मिट गयीं होती हमारी भी हस्ति इस ज़ालिम दुनिया से
जो माँ तुमने भी हमें सबकी तेह ठुकरा दिया होता...!!
हर कदम पर जरूरत होती माँ बाप की हमारी ज़िन्दगी में
पर एकेले ही दोनों की हर एक फ़र्ज़ निभायी हो तुम
कभी नहीं समझ पाते हम अहमियत रिश्तो की
जो माँ तुमने हर एक रिश्ता निभाना सिखाया न होता....!!
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नैना....✍️✍️
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