हो रहे विदा

हो रहे  विदा, दे रहे विदाई हमे, 
जी भर कर देख रहे मेरे अपने मुझे, 
हो जाएगे अजनबी अपनो से ही, 
मां का दुलार, पिता का प्यार, भाई बहनों की तकरार, 
छुट रहा है मेरा ही घर _बार, 
सोच सोच के हो रही घबराहट हमे
खाली हो जाएगा कमरा  मेरा, 
बिछड़ जाएगी सखियाँ सारी, 
इक प्रित छुट रहा तो इक प्रित  मिल रहा, 
जा रहे बाबूल का घर छोड़ के सोच के दिल घबरा रहा, 
कैसे है ये रिती रिवाज कैसे है ये चोचले, 
किसने यह रित बनाई पुछ रहा है दिल ये रब से, 
कैसे रहेगी  वहाँ सब यही सोच रहे, 
  क्योंकी  मिल रही बाबा के अंगना से रिहाई हमें। 
हो रहे विदा, दे रहे विदाई हमें।

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