खुशियों की बचत


एक गुल्लक खरीदी मैं,
    रखती हूं उसे अपने पास हर वक्त
     क्योंकि करती हूं मैं खुशियों की बचत .......☺

रोज डालती हूं इस में,
खुशी का एक सिक्का
गुल्लक से ये वादा किया मैंने पक्का......☺

                     जब कभी जिंदगी गम,
                        के कर्ज में होगी
                     खुशियों से भरी
                   मेरी गुल्लक काम आएगी.....☺

तोड़ दूंगी उस दिन,
मैं गुल्लक को और
दिल खोल के खुशियाँ लुटा आऊंगी....

☺ऋचा✍🙏
                     

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