" कोरोना वैक्सीन का भूत " भाग :- २
वैक्सिनेशन का दिन गुजर गया ,मीरा ने सोचा ,चलों जान बची लाखों पायें , पति थोड़े नाराज़ हैं मना लूँगी ,
शाम को धीरज के ऑफिस से घर आने से पहले ही उसकी पसन्द की चीजें बना कर रख ली ,
जैसे ही दरवाजें की घण्टी बजी दौड़ कर मुस्कराते हुए दरवाजा खोला , पति देव जी अंदर आएं ,चाय ,पानी , वगैरह दिया ,और ये जानने के लिए कि जनाब का मूड कैसा हैं ,जान बूझ कर कभी कुछ बात तो कभी कुछ ,बार - बार पूछ रही हैं,
धीरज अच्छे से समझ रहा हैं ,कि मीरा के दिमाग़ में क्या चल रहा है , लेकिन उसे भी एक खुरापाती उपाय सूझा ,उसने मीरा को थोड़ा और परेशान करने की सोची ,
वैसे मीरा जितनी शैतान , नटखट ,और चुलबुली हैं ,धीरज
उतना शांत ,और समझदार व्यक्ति हैं ,कभी गुस्सा नही करता ,मीरा पर , उसका खूब ध्यान रखता हैं ,
रात में खाने के समय भी धीरज चुप - चुप ,
ना किसी बात का जवाब दिया , और ना ही खाने की तारीफ़ की ,
अब मीरा सोचने पर मजबूर ,कि कैसे मनाया जायें , साहब को ,
आज तो भई बड़े गुस्से में नजर आ रहे हैं ,
अब से पहले तो कभी इतना गुस्सा नही किया ,
खैर ...देखते हैं क्या कर सकते हैं ,
🙍♀️
सुनों जी बहुत गुस्सा हो क्या ,
🙎♂️
गुस्सा ...
नही तो ....क्यों ?
🙍♀️
फिर कुछ बोल क्यों नहीं रहे हो ,
🙎♂️
क्या बोलूं ..
मन नही हैं ,बात करने का
🙍♀️
रोना शुरू .....
🙎♂️
अरे रे.. ये क्या ,इसमें रोने की क्या बात है ,
🙍♀️
रोऊ नही तो क्या करूँ ,आप बात क्यों नहीं कर रहे ,
🙎♂️
तुमनें मेरी बात क्यों नहीं मानी ,
🙍♀️
मान लूँगी ,इस बार चलूँगी ,वैक्सीन लगवाने ,
🙎♂️
फिर ठीक हैं, अब बनी ना गुड़ गर्ल ,
दोनों जोर से हँस दियें ,
अब कुछ दिन तो आराम से गुज़र गये ,मीरा मन ही मन ख़ुश हो रही थीं ,कि शायद अब दोबारा वैक्सिनेशन नही होगा ,चलो अच्छा ही हुआ ,पति भी खुश और वैक्सीन भी नहीं लगी ,
पर एक दिन..
🙎♂️
मीरा चलों जल्दी से वैक्सीन लग रही हैं ,एक जान - पहचान वाले को बोलकर आया हूँ ,तुम्हें ज्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा ,जातें ही लगा देंगे , चलों अब देर मत करो ,
🤦♀️
ऐं ....
ये क्या ...
दाँव ही उल्टा पड़ गया ,
पसीने छूट गए ,
सुनों जी ,मैने तो ऐसे ही बोल दिया था ,आपका मूड खराब था , इसलिए ,
🙎♂️
अच्छा ...मुस्कुराते हुए ,
जब बोल ही दिया था ,तो अब चलो जल्दी ,कोई बहाना नही चलेगा आज ,
दोनों कंधों पर हाथ रखते हुए , फंस गई ना बुलबुल पिंजरे में ,
अब फड़फड़ाने का कोई फायदा नहीं , अब तो चलना ही पड़ेगा ,चलों ,
🙍♀️
अब मीरा बेचारी कर भी क्या सकती थी ,
चलने के लिए तैयार ,
सुनो जी ज्यादा दर्द तो नही होगा ना ,
🙎♂️
चिंता मत करो , जानने वाला है , धीरे से लगायेगा , तुम्हें पता भी नही लगेगा ,
🙍♀️
ठीक हैं ,
सारे रास्ते कुछ ना कुछ खुरापात चलती रही दिमाग में , पर बचने का कोई तरीका नजर नहीं आया ,
दोनों वैक्सिनेशन हॉल पहुँच गये ,
अब आगे देखते हैं , क्या मीरा को वैक्सीन लगी ,या फिर .......
..........@ नेहा धामा " विजेता "
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