" कोरोना वैक्सीन का भूत " भाग ३
मीरा और उसका पति धीरज वैक्सिनेशन हॉल पहुँच गये ,अब मीरा के पास कोई चारा नही था ,वहाँ चुपचाप बैठने के अलावा ,
काफी भीड़ थी लोगों की , कुछ आ रहे हैं , कुछ जा रहे हैं ,मीरा वहाँ बैठकर सबकों देख रही हैं ,
कुछ देर बैठी रही , फिर अचानक से कुछ बैचेनी सी महसूस हुई ,तो वहाँ से खड़े होकर बाहर की तरफ आ गई ,
उसे बाहर जाता देख धीरज भी उसके साथ बाहर आ गया ,ये देखने कि क्या हुआ ,
🙎♂️
क्या हुआ बाहर कैसे आ गई अचानक से ,तुम ठीक तो हो ,
🙍♀️
हाँ जी ,मै बिल्कुल ठीक हूँ ,आप परेशान ना हो ,
🙎♂️
ठीक हैं ,तुम बैठो मैं देखता हूँ ,और कितना समय लगेगा ,
🙍♀️
जी ठीक हैं ,
धीरज अंदर जाता हैं ,जाकर एक डॉक्टर से बात करता हैं , क्या पहले मीरा को वैक्सीन लग सकती हैं ,क्योकि उसे थोड़ी बैचेनी सी महसूस हो रही हैं,
डॉक्टर ने कहा ठीक हैं ,भेज दें ,
धीरज मीरा को लाने बाहर आता हैं ,
🙎♂️
चलों मीरा तुम्हारा नम्बर आ गया ,
🙍♀️
जी ,
ये बोलकर मीरा धीरज के साथ चल देती हैं ,डॉक्टर के कैबिन में जाते ही मीरा पसीने से नहा जाती हैं ,डर के मारे थरथर कांप रही हैं ,धड़कन बढ़ती जा रही हैं ,
चेहरा एकदम लाल हो गया हैं ,
दोनों कानों से जैसे आग निकल रही हैं , पसीने पोछते हुए कुर्सी की तरफ बढ़ रही हैं ,डॉक्टर ने बैठने का इशारा किया ,
अपनी गाड़ी के पास आकर रुकी ,
धीरज भी दौड़ते हुए मीरा के पीछे बाहर आ जाता हैं ,
🙎♂️
मीरा ,मीरा ,क्या हुआ तुम ठीक तो हो ,
धीरज ने देख लिया था कि मीरा की हालत ज्यादा खराब हैं ,
इसलिए उसने थोड़ा प्यार से बात करते हुए , मीरा को पानी पिलाया ,
मीरा ...शांत हो जाओ , कुछ नहीं हुआ , सब ठीक हैं ,
चलों घर चलते हैं , प्यार से मीरा के सिर पर हाथ घुमाते हुए ,
🙍♀️
ठीक हैं ,
और वे लोग घर वापस आ जाते हैं ,
धीरज ,मीरा के लिए चाय बना कर लाते हैं ,
अब मीरा थोड़ा राहत महसूस कर रही हैं ,
अब आगे देखते हैं , कि क्या मीरा का डर इसी तरह बना रहेगा ,या कुछ बदलाव होगा .......
.........@ नेहा धामा " विजेता "
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