" कोरोना वैक्सीन का भूत "

भाग :- १
🙎‍♂️
सुनो ..मीरा  कल वैक्सिनेशन  हैं ,समय से तैयार हो जाना ,फटाफट लगवा आएंगे, फिर मुझें ऑफिस भी जाना हैं ,
धीरज  ये बोल कर सोने चले गये , 
🙆‍♀️
अब बची मीरा , सिर पकड़ कर बैठ गई ,  
वैक्सीन ,
अरे बाप रे ,
कैसे लगवाऊंगी ,
मुझें नही लगवानी , कोई वैक्सीन ,
सोने गई ,पर नींद नही आई ,रात भर करवट बदलती रही ,
सुबह उठी ,
वही रोज का गृह कार्य  , उसी में लग गई ,
🙎‍♂️
धीरज सोकर उठें , उठते ही बोले, अरे, अब तक तैयार नहीं हुई ,जल्दी करो ,वरना फालतू में देर हो जायेगी ,
🙍‍♀️
देखिये ,चाहें कुछ भी हो जाये ,वैक्सीन तो नही लगवाऊंगी ,
🙍‍♂️
क्या , अब ये क्या बचपना हैं ,
जल्दी करों यार , मुझें ऑफिस भी जाना हैं ,
🙍‍♀️
बिल्कुल नही , किसी कीमत पर भी  नही ,
आप ऑफिस जायें ,
🙎‍♂️
ऐसे मत बोलों ,
कृपया ,चलों ,
इसमें तुम्हारा ही फ़ायदा हैं ,
घर में और लोग भी हैं ,उनके बारे में तो सोचों ,
🙍‍♀️ 
कौन सा फ़ायदा ,मारना चाहते हो ,वैक्सीन के बहाने से ,
मैं नही जाऊँगी ,मुझें नही मरना ,
🙎‍♂️
वैक्सीन से कौन मरता है ,सब लोग लगवा रहें हैं ,किसी को कुछ हुआ ,हम सब ने भी तो लगवाई हैं ,सब ठीक हैं ना ,
हाँ ,  अगर वैक्सीन नही लगी तो,
कोरोना से जरूर मर जाओगी ,
चलों  ,अब जिद मत करों ,
अच्छे बच्चों की झट से तैयार हो जाओं ,
🙍‍♀️
 नही ,
कोरोना से तब मरूँगी ,जब कोरोना होगा ,
मैं होने दूँगी तब ना ,
आप लोगों ने लगवा ली हैं ,ठीक हैं ना , बस फिर क्या फर्क पड़ता हैं ,मुझें लगी या नहीं ,मुझें कोई कोरोना नही होगा , मैं अपना ध्यान रखूँगी , वैक्सीन लगवा कर मरने से अच्छा हैं ,कोरोना से मर जाऊँ ,
🙎‍♂️
कैसे रोकोगी ,
वो तो कब ,कहाँ , किसे हो जायें , कुछ पता चलता है ,
जब मरना हैं ही ,तो वैक्सीन ही लगवा लो ,क्या पता बच जाओं ( मज़ाक करते हुए बोले ) और अगर कोरोना हुआ तो पक्का नही बचोगी , अब चलों भी ,
🙍‍♀️
परेशान मत करो ,कह रही हूँ ना ,मुझें नही लगवानी ,

अब पति देव भी क्या करते ,सोचा आज तो जिद पकड़ ली हैं , तो नही मानेंगी ,कोई नही बाद में देखेंगे ,
और ऑफिस चलें गये ,

इनके ऑफिस जाने के बाद  मैने कुछ राहत की साँस ली ,
कि चलो बच गई ,
आज का दिन निकल जाएं ,बस किसी तरह , फिर कौन लगवा देगा ,
सोफे पर आराम से बैठकर चाय की चुस्की लेते हुए सोच रही हैं,
एक तो डॉक्टर नाम ही कितना डरावना लगता हैं ,और दूसरा उसके  दिमाग में एक बात बैठ गई हैं कि अगर वैक्सीन लगवाई तो , मैं बचने वाली नही हूँ ,
अपनी जान सबको प्यारी होती हैं ,तो उसे भी हैं ,भाई ,
अब डर के मारे ये हालात हैं ,मीरा ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया ,अपने आप को घर में पूरी तरह से पैक कर  लिया ,उसका मानना हैं कि ना तो घर से बाहर जाऊँगी ,ना कोरोना होगा ।।

अब देखते हैं आगे क्या होने वाला हैं ,  मीरा वैक्सीन के डर से पार हो पाती हैं  या नही ?

......…@ नेहा धामा " विजेता "

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