गजल
आसमान के तारों के मानिंद
अनेक हसरतें हैं मेरे सीने में
पर जो चांद बन के
तू आ जाए पास मेरे
खुदा की कसम
मजा ही आ जाए जीने में
मेरे मन में खुशबू बिखेरने वाले
तुम मेरे लिए गुलाब जैसे हो
तुमसे ही रंगो ताजगी है मुझ में
तुम ही तो मेरे गमों के कातिल हो।।
तुम्हारा जो साथ मिला है मुझे हमदम
मेरे हर ख्वाब पूरे हुए समझो
तुम मेरी जिंदगी का सदाबहार कुसुम
सच! तुम औरों से अधिक मेरे हो
श्वेता प्रसून
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