यादें कहां रूकती है
जितना भी आगे बढ़ जाओ जीवन में,
अतीत कहाँ पीछे रहता है,
यादों के झुरमुट से फिर यादें आ जाती हैं।
****
कितनी प्यारी सी हंसी ठिठोली अपनों की,
कितनी प्यारी वो सब बातें ,
कितनी नोक-झोंक और लड़ाई।
****
सब अतीत में खो गये लम्हे ,
समय कहाँ रूकता-थमता ,
पर यादें बार-बार आकर कहतीं हैं।
****
आंखो को नम कर जाती है ,
होठों पर मुस्कान अनायास आ जाती,
यादें दस्तक देती रहतीं हैं।
****
हाँ कुछ सबक सिखाया करती ,
कुछ अलग मुकाम हासिल कर जाते ,
पर यादें रोके से न रूकती हैं ।
****
---अनिता शर्मा झाँसी----
,,स्वरचित
Comments
Post a Comment