दे दे इतनी शक्ति

दे दे इतनी शक्ति,
हंसकर वीष पी लूं ।
तेरा नाम लेते लेते ,
कुछ पल तो जी लूं ।
मृगतृष्णा में जाने कब से ,
भटक रहा है मन !
तू रख दे सिर पर हाथ भोले!
तो सफल हो ये जीवन ।
मन शीप भी तू !
मोती भी तू !
इन आंखों की ,
ज्योति भी तू !
तेरे चरणों मे करती हूं,
मैं खुद को अर्पण !
तू रख दे सिर पर हाथ भोले!
तो सफल हो ये जीवन ।
न वेद पढ़ी, न पुराण पढ़ी ,
न तेरे दर्शन को पर्वत चढ़ी ।
न जानू जप - तप पूजा,
न जानू नेम धर्म!
तू रख दे सिर पर हाथ भोले!
तो सफल हो ये जीवन ।
तुम्हें सब कहते भोले भंडारी,
करुणा के हो तुम अवतारी ।
आकर पार लगा दो नैया,
कर दो इतना करम।
तू रख दे सिर पर हाथ भोले!
तो सफल हो ये जीवन ।

...........पिंकी मिश्रा

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