वक्त
यह वक्त भी ना बड़ा अजीब है
कभी दोस्त तो कभी लगता रकीब है ।।।।।
कभी बिन मांगे बहुत कुछ है दे जाता
कभी बिन पूछे बहुत कुछ है ले जाता
कभी बनाता बादशाह कभी रखता गरीब है।
यह वक्त भी ना बड़ा अजीब है ।।।।
कभी गैरों को अपना कर दें
कभी अपनों को पराया,
कभी दोस्तों की महफिलसजती
कभी छोड़े साथअपना साया ,
कैसा है यह दौर कैसा अपना नसीब है
यह वक्त भी ना बड़ा अजीब है ।।।।।
वक्त दिखाएं हमें जमीन पर तारे
वक्त ने अच्छे अच्छों के मुकद्दर सवारें,
वक्त तोवक्त है हर वक्त यह बदलता है
बस हिम्मत रखने वालों से शायद थोड़ा यह डरता है ,
ना डर ,सीमा, इससे तू खुद तौफीक है
यह वक्त भी बड़ा अजीब है
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